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जन्म कुंडली मेष लग्न की हो, और कुंडली के पंचम भाव में,

  • Pawan Dubey
  • Sep 15, 2024
  • 1 min read

जन्म कुंडली मेष लग्न की हो, और कुंडली के पंचम भाव में, स्वराशि में स्थित सूर्य हों तथा 11 वें भाव में, देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में हो, कुंभ राशि में देवगुरु बृहस्पति उच्च के समान अर्थात् कर्कवत फल देते हैं। देवगुरु बृहस्पति का सूर्य से दृष्टि संबंध होगा। ज्योतिष शास्त्र के मर्मज्ञ कहते हैं,कि ऐसा जातक जन्मजात वरदान के साथ जन्म लिया है। हर सुख को भोगने के लिए। उसे जो भी सुख चाहिए, बस यूं समझ लीजिए। उसे चाहत बस मन में उत्पन्न करनी है।और उसे सब कुछ प्राप्त होगा।

 
 
 

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