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जन्म कुंडली में नवम भाव का स्वामी पंचम स्थान में हो,और पंचम का

  • Pawan Dubey
  • Sep 16, 2024
  • 1 min read

जन्म कुंडली में नवम भाव का स्वामी पंचम स्थान में हो,और पंचम का स्वामी दशम स्थान में हो, यह अत्यंत श्रेष्ठ स्थिति है। इस योग के कुंडली में होने से, ऐसा ज्योतिष शास्त्र के मर्मज्ञ कहते हैं, कि यह जातक पूर्व में भी साधक रहा है। और इस जन्म में भी साधना में वह लगातार लगा ही रहेगा।

 
 
 

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