top of page

जन्म कुंडली के 12वें भाव में, यदि गुरु और शुक्र की युति हो,

  • Pawan Dubey
  • Sep 15, 2024
  • 1 min read

जन्म कुंडली के 12वें भाव में, यदि गुरु और शुक्र की युति हो, वैसे तो गुरु और शुक्र की युति कुंडली के किसी भी भाव में हो, तो यह अत्यंत श्रेष्ठ फल प्रदायक है। परंतु कुंडली के 12वें भाव में यदि यह युति है। तो समझ लीजिए,ऐसे जातक को हर तरह का सुख घर बैठे प्राप्त हो जाता है।

 
 
 

Recent Posts

See All
जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक

जन्म कुंडली में शनि या राहु, कुंडली के तीसरे अथवा छठे स्थान पर हों,तो ऐसे जातक को भविष्य में घटने वाली घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है।...

 
 
 
जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित

जन्म कुंडली में केंद्र और त्रिकोण में पाप ग्रह ना हों, लग्नेश और देवगुरु बृहस्पति केंद्र में स्थित हों, जरूरी नहीं है, कि युति में...

 
 
 
जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च

जन्म कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी बलवान हो, शुभ ग्रह से युत, अपनी स्वराशि या उच्च राशि में हो, साथ ही साथ जन्म कुंडली में देवगुरु...

 
 
 

Коментарі


bottom of page